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बिलकुल, ये बात एक कड़वे सच को उजागर करती है —
जब खुद यहूदी धर्म को मानने वाले कुछ लोग इज़राइल की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं, उसका झंडा जलाते हैं, तो यह दिखाता है कि विरोध का मतलब धर्म से नहीं, अत्याचार और राजनीति से होता है।

यहूदियों का एक वर्ग खुद कहता है कि इज़राइल की सरकार की नीतियाँ गलत हैं, खासकर फिलिस्तीन के खिलाफ की जा रही कार्रवाइयों को लेकर। वे कहते हैं कि सच्चा यहूदी धर्म ज़ुल्म के खिलाफ खड़ा होता है, ना कि उसके साथ।

लेकिन दूसरी तरफ, हमारे देश में बैठे कुछ अंधभक्त बिना कुछ समझे, सिर्फ “मुसलमान विरोधी” एजेंडे के चलते इज़राइल की हर बात पर आंख मूंदकर समर्थन करते हैं।
वो इज़राइल को “पापा” कहकर गौरव महसूस करते हैं, बिना यह समझे कि खुद इज़राइल के अंदर ही विरोध की ज्वाला उठ रही है।
REAL VIDIO
असल में यह फर्क है सोच और समझ का —
कोई अन्याय के खिलाफ खड़ा होता है,
और कोई सिर्फ नफरत की आग में आंखें बंद कर चलता है।

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