कांग्रेस पार्टी के ‘शक्ति अभियान’ के तहत चल रही इंदिरा फेलोशिप न केवल महिलाओं को नेतृत्व के लिए तैयार कर रही है, बल्कि उन्हें सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक मुद्दों पर खुलकर बोलने का मंच भी दे रही है। इसी कड़ी में बिहार की ऋचा कुमारी ने हाल ही में राहुल गांधी के साथ मंच साझा करते हुए जिस आत्मविश्वास और सहजता से जनता के असल मुद्दों को उठाया, वह हर भारतीय महिला की शक्ति, आत्मनिर्भरता और सामाजिक चेतना का प्रतीक बन गया।
ऋचा कुमारी की यह बेबाक आवाज़ यह साबित करती है कि जब महिलाओं को सही अवसर और मार्गदर्शन मिलता है, तो वे समाज में सार्थक बदलाव लाने में सक्षम होती हैं। इंदिरा फेलोशिप जैसी पहलें उन महिलाओं को ताकत दे रही हैं, जो आज बदलाव की अगुवाई कर रही हैं।
यह अभियान एक संदेश है —
अब महिलाएं सिर्फ समर्थक नहीं, बल्कि नेतृत्वकर्ता बन रही हैं। @Ashrafhussain