गाज़ा/24 जून 2025:
गाज़ा के रहने वाले एक मासूम बच्चे हसन बारबख की लंबी बीमारी से जूझते हुए मौत हो गई। हसन लिवर फेल्योर, किडनी लीक, तीव्र एसिडोसिस और कुपोषण जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित था। परिवार ने उसे बचाने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवतावादी संगठनों से कई बार मदद की गुहार लगाई, लेकिन कहीं से कोई जवाब नहीं मिला।
हसन के परिवार ने इलाज के लिए दुनिया से लगातार अपील की थी — दवाइयों, बेहतर चिकित्सा और ट्रांसफर की मांग की गई थी। मगर, न तो कोई सहायता पहुँची और न ही चिकित्सा सुविधाएं मिल सकीं। ग़ज़ा में इज़रायली नाकेबंदी के चलते पहले से ही स्वास्थ्य सुविधाओं की भारी कमी है, जिससे न केवल हसन, बल्कि हजारों बच्चों की ज़िंदगी संकट में है।
हसन की मुस्कुराती तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं और लोग पूछ रहे हैं — “क्यों एक मासूम को मरने दिया गया?”, “क्या उसकी जान इतनी सस्ती थी?”
यह घटना एक बार फिर ग़ज़ा के बच्चों की दुर्दशा को उजागर करती है, जहाँ हर दिन दवा, बिजली और इलाज के अभाव में मासूम जानें जा रही हैं।
हसन अब इस दुनिया में नहीं है, लेकिन उसकी कहानी मानवता से एक गहरा सवाल पूछ रही है: क्या हम समय रहते उसकी मदद कर सकते थे?