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नई दिल्ली, 24 जून 2025:
दिल्ली के जंतर मंतर पर फिलिस्तीन के समर्थन में हुए एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन में उस वक्त विवाद खड़ा हो गया जब एक महिला अपने दो छोटे बच्चों के साथ प्रदर्शन में शामिल हुई। बच्चों ने “Free Palestine” लिखे पोस्टर थामे हुए थे और फिलिस्तीनी झंडे के रंगों वाले कपड़े पहने हुए थे।

इस दृश्य पर एक पत्रकार की आपत्ति सामने आई, जिसने सवाल उठाया कि आखिर बच्चों को ऐसे राजनीतिक प्रदर्शनों में क्यों लाया जा रहा है। यह प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर वायरल हो गई और व्यापक आलोचना का विषय बन गई।

अशरफ हुसैन (@AshrafFem) द्वारा 24 जून को X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किए गए एक वीडियो में महिला पत्रकार को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि बच्चों को ऐसे प्रदर्शनों में लाना अनुचित है। इस पर महिला प्रदर्शनकारी ने जवाब देते हुए कहा कि “जब गाजा में बच्चों की जान जा रही है, तो मैं अपने बच्चों को उनके हक़ की आवाज़ देने क्यों न लाऊं?”

इस घटना ने देशभर में बहस छेड़ दी है — जहां एक तरफ कुछ लोग बच्चों को ऐसे प्रदर्शनों में लाने को अनुचित मान रहे हैं, वहीं दूसरी ओर कई लोग इसे एक साहसिक और जागरूकता बढ़ाने वाली पहल बता रहे हैं।

पृष्ठभूमि:

गाजा में लगातार हो रही हिंसा और मानवाधिकार उल्लंघनों के खिलाफ भारत सहित कई देशों में लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। भारत में खासकर युवा, छात्र और सामाजिक कार्यकर्ता बढ़-चढ़कर ‘Free Palestine‘ आंदोलन का समर्थन कर रहे हैं।

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