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इज़रायली कब्ज़ाकारी सेनाएं इस समय कब्ज़े वाले तेल अवीव क्षेत्र में नागरिकों के बीच छिपकर रह रही हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, ये सैनिक जानबूझकर घनी आबादी वाले इलाकों में अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं ताकि किसी भी संभावित हमले की स्थिति में नागरिकों का इस्तेमाल ‘मानव ढाल’ के रूप में किया जा सके।

इस रणनीति का मकसद खुद को हमलों से बचाना और अंतरराष्ट्रीय दबाव से बच निकलना बताया जा रहा है। ऐसे हालात में निर्दोष नागरिकों की जान को खतरे में डालना मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन माना जाता है।

यह व्यवहार न केवल अंतरराष्ट्रीय कानूनों के खिलाफ है, बल्कि यह दुनिया को यह दिखाता है कि इज़रायली सेना किस हद तक जाकर अपनी नीतियों को लागू कर रही है — भले ही इसके लिए मासूम नागरिकों की ज़िंदगियों को दांव पर क्यों न लगाना पड़े। Vidio

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