स्थान: नई दिल्ली | तारीख: 24 जून 2025
बीते रविवार को दिल्ली के जंतर मंतर पर फिलिस्तीन के समर्थन और इज़राइल की नीतियों के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया गया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नागरिक, छात्र और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल हुए थे।
प्रदर्शन के दौरान उस समय विवाद की स्थिति बन गई जब कथित तौर पर दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़ी एक महिला रिपोर्टर ने प्रदर्शन स्थल पर पहुंचकर बार-बार सवाल पूछकर और तीखी टिप्पणी करके कार्यक्रम को बाधित करने की कोशिश की।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, महिला रिपोर्टर ने प्रदर्शन में शामिल महिलाओं से तीखे सवाल किए, जिससे माहौल गर्म हो गया। जब प्रदर्शनकारी उन्हें समझाने की कोशिश कर रहे थे, तो रिपोर्टर ने कथित तौर पर हाथापाई की कोशिश भी की।
प्रदर्शनकारी युवाओं ने इसे “कार्यक्रम को जानबूझकर भंग करने की साज़िश” बताया और कहा कि “जब इज़राइल के खिलाफ आवाज़ उठती है, तो कुछ मीडिया संस्थान इसे पचा नहीं पाते।”
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कई लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन के दौरान ‘फ्री फ़िलिस्तीन’ और ‘स्टॉप जेनोसाइड इन गाज़ा’ जैसे पोस्टर लेकर खड़े हैं, वहीं कुछ लोग टकराव की स्थिति पैदा करते नजर आ रहे हैं।
> “हमारा उद्देश्य शांतिपूर्ण तरीके से गाज़ा के लोगों के साथ एकजुटता जताना था। लेकिन कुछ लोग इसे भटकाने के लिए आए थे। महिला रिपोर्टर की हरकत निंदनीय है।”
प्रशासन की ओर से किसी भी पक्ष पर अब तक कोई कानूनी कार्रवाई की जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।