13 जून 2025 को इज़राइल ने “Operation Rising Lion” नामक एक बड़े पैमाने पर हवाई अभियान की शुरुआत की, जिसमें ईरान के कई महत्वपूर्ण सैन्य और परमाणु प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया गया। इनमें तबरीज़ के शेख़री एयर डिफेंस हेडक्वार्टर के पास स्थित अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा और शाहिद फ़कूरी मिलिट्री बेस शामिल हैं, जो इस हमले के मुख्य लक्ष्यों में थे ।
हताहतों और घायल संख्या (प्रारंभिक आंकड़े):
तेहरान में कम से कम 78 लोग मारे गए और 329 से अधिक घायल हुए, जैसा कि ईरानी अर्ध‑सरकारी फर्स न्यूज एजेंसी ने रिपोर्ट किया ।
तबरीज़ (पूर्वी अज़राइबाईजान प्रांत) में 5 लोग मारे गए और 12 घायल बताए गए, इसके अलावा स्थानीय एयरडिफेंस बेस और एयरपोर्ट को भी भारी क्षति पहुँची ।
लक्षित वरिष्ठ अधिकारी और वैज्ञानिक:
इस स्ट्राइक में الإيرानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) और रक्षा प्रतिष्ठानों के कई उच्च‑स्तरीय अधिकारी तथा परमाणु वैज्ञानिक भी मारे गए:
जनरल होसेन सालामी (IRGC चीफ)
जनरल मोहम्मद बघेरी (सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ)
जनरल घोलम अली राशिद
एयर डिफेंस और ड्रोन यूनिट के वरिष्ठ नेता
तीन से छह परमाणु वैज्ञानिक, जिनमें फेरेयदून अब्बासी और मोहम्मद मेहदी तहरांची शामिल हैं ।
आईएईए और विभिन्न आकलन:
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने नैटांज़ में रेडिएशन स्तरों में कोई वृद्धि नहीं पाई, हालांकि साइट को महत्वपूर्ण क्षति मिली थी ।
आकलनकर्ता इस हमले को ईरान-इराक युद्ध के बाद इज़राइल द्वारा किया गया सबसे बड़ा सैन्य अभियान मान रहे हैं ।
तनाव, प्रत्युत्तर एवं वैश्विक प्रतिक्रिया:
इज़राइली सेना ने बताया कि उन्होंने ईरान से करीब 100 से अधिक ड्रोन भारत की सीमा की ओर भेजे गए, जिन्हें उन्होंने बड़े पैमाने पर इंटरसेप्ट किया ।
ईरान ने इस घटना को ‘युद्ध की घोषणा’ करार दिया और उस पर “तेज़ और कानूनी” प्रत्युत्तर देने का वादा किया है, जैसे कि सुप्रीम नेता आयातोल्ला अली खामेनेई एवं राष्ट्रपति मसूद पेज़िश्कियन ने कहा ।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक आपात बैठक बुलाई गई। रूस, तुर्की, सऊदी अरब समेत कई देशों ने तनाव को सीमित करने की अपील की और नागरिकों की सुरक्षा की चिंता जताई ।
क्षेत्रीय और वैश्विक प्रभाव:
मध्य-पूर्व की आवाजाही प्रभावित हुई है: कई एयरलाइन कंपनियों ने ईरानी व आसपास के हवाई मार्गों से उड़ानें रद्द या परिवर्तित कीं ।
इराक ने शिकायत दर्ज करवाई कि इज़राइली मिसाइलों और ड्रोन ने उसका हवाई क्षेत्र पार किया, इसे अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताते हुए सन्यासदायके UN में अपील की गई ।
निष्कर्ष
इज़राइल द्वारा ईरान के उन महत्वपूर्ण ठिकानों पर यह तीव्र हवाई हमला, जिसे “Operation Rising Lion” कहा गया है, एक ऐतिहासिक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण सैन्य कार्रवाई है। इस हमले का असर न सिर्फ ईरान‑इज़राइल के बीच तनाव को बढ़ाता है, बल्कि पूरे मध्य‑पूर्व तथा अंतरराष्ट्रीय राजनय में इसकी गंभीर गूँज सुनाई दे रही है। शुरुआती आंकड़े साक्ष्य हैं कि इसमें सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं और यह निश्चित ही वैश्विक कूटनीति तथा क्षेत्रीय सुरक्षा उपायों में बदलाव लाएगा।
यह जानकारी अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसियों की रिपोर्टिंग के आधार पर प्रस्तुत की गई है।”
“Sources: Al Jazeera, Washington Post, Fars News, Reuters