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सना (यमन), 9 जुलाई 2025 –
यमन की अदालत ने भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को फांसी देने की तारीख तय कर दी है। 16 जुलाई 2025 को उन्हें सज़ा-ए-मौत दी जाएगी। यह खबर सुनते ही भारत में चिंता की लहर दौड़ गई है, खासतौर पर केरल राज्य में, जहां से निमिषा प्रिया ताल्लुक रखती हैं।

कौन हैं निमिषा प्रिया?

निमिषा प्रिया एक अनुभवी नर्स हैं जो इलाज के क्षेत्र में काम करने के लिए साल 2008 में यमन गई थीं। वहां उन्होंने मेडिकल क्लिनिक खोला और यमन के एक नागरिक खालिद अल-असादी के साथ मिलकर व्यवसाय शुरू किया। लेकिन बाद में दोनों के बीच मतभेद हुए और विवाद इतना बढ़ा कि निमिषा ने कथित रूप से खालिद को जान से मारने के इरादे से दवा का इंजेक्शन दे दिया।

अब क्यों आई फांसी की तारीख?

7 सालों तक चले ट्रायल के बाद यमन की अदालत ने निमिषा को दोषी पाया और अब उनकी फांसी की तारीख 16 जुलाई 2025 को तय कर दी है।
यमन के कानूनों के अनुसार, अगर मृतक के परिजन दोषी को “दिया” (blood money) के बदले माफ कर दें, तो फांसी रोकी जा सकती है। फिलहाल यही आखिरी उम्मीद बची है।

भारत में हलचल, भावनात्मक अपीलें जारी

भारत में इस खबर के सामने आते ही सोशल मीडिया पर #SaveNimisha और #JusticeForNimisha जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे हैं। कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और एनजीओ ने यमन सरकार और मृतक के परिवार से माफ़ी की गुहार लगाई है। केरल की सरकार भी इस विषय में हस्तक्षेप कर रही है।

भारत सरकार की ओर से विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वे यमन में भारतीय दूतावास के माध्यम से अंतिम प्रयास कर रहे हैं ताकि मृतक के परिवार से बातचीत कर समझौते का रास्ता निकाला जा सके।

अब उम्मीदें सिर्फ माफ़ी पर टिकी हैं

अगर 16 जुलाई से पहले कोई समझौता नहीं होता, तो यमन के कानून अनुसार निमिषा को फांसी दी जाएगी। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर भारत और यमन के रिश्तों पर भी असर पड़ सकता है।