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गुरुग्राम के वजीराबाद इलाके से आई एक खबर ने पूरे देश को सोचने पर मजबूर कर दिया है। 10 जुलाई 2025 की सुबह, 25 वर्षीय टेनिस खिलाड़ी राधिका यादव की हत्या उसके अपने ही घर में हो गई। और इस वारदात में मुख्य आरोपी कोई और नहीं, बल्कि राधिका का अपना पिता दीपक यादव है।

पुलिस के मुताबिक, सुबह करीब 10:30 बजे घर के किचन में राधिका को तीन गोलियां मारी गईं। पड़ोसियों ने पहले तो सोचा कि शायद गैस या कुकर फटा है, लेकिन सच्चाई सामने आने पर सभी सन्न रह गए। राधिका के चाचा कुलदीप यादव उसे अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

पुलिस पूछताछ में दीपक यादव ने कबूल कर लिया कि उसने ही अपनी बेटी की हत्या की। मगर सवाल यह है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ?

राधिका कोई आम लड़की नहीं थी। एक सफल टेनिस खिलाड़ी, जिसकी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान थी। उसने खुद की एकेडमी भी शुरू की थी। बताया जा रहा है कि सोशल मीडिया पर उसकी सक्रियता, दोस्तों के साथ तस्वीरें और वीडियो, म्यूजिक वीडियो में उसका काम करना—ये सब बातें उसके परिवार को खटक रही थीं।

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि राधिका के पिता को यह बात परेशान करती थी कि समाज उसे ‘बेटी की कमाई पर जीने वाला’ कह रहा था। इसी तनाव ने आखिरकार एक भयावह मोड़ ले लिया।

इस पूरे मामले में कई अनसुलझे पहलू भी हैं। जैसे घटना के वक्त राधिका की मां कहां थी? चाचा और मां दोनों के बयानों में अंतर आ रहा है। राधिका का भाई धीरज भी उस समय घर पर नहीं था। उसकी लोकेशन को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।

पुलिस फिलहाल हर पहलू से जांच कर रही है।

लेकिन इस घटना ने एक गहरा सवाल खड़ा कर दिया है:
क्या समाज में बेटियों की सफलता आज भी परिवारों में तनाव का कारण बनती है?
क्या सोशल मीडिया की दुनिया हमारे रिश्तों को इतना कमजोर बना रही है कि घर की चारदीवारी के भीतर ही खून बहने लगे?

राधिका की कहानी एक चेतावनी है कि अगर हम अपनी सोच नहीं बदलेंगे, तो ऐसी घटनाएं बार-बार दोहराई जाएंगी।

बेटियां सिर्फ जिम्मेदारी नहीं, परिवार की शान होती हैं। यह बात समझने का वक्त आ गया है।