काठमांडू, 29 जून 2025:
नेपाल के पश्चिमी और मध्य भागों में पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश ने भारी तबाही मचाई है। तेज़ बारिश के चलते कई ज़िलों में बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं सामने आई हैं। अब तक इस प्राकृतिक आपदा में कम से कम 18 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि दर्जनों लोग लापता हैं। राहत एवं बचाव कार्य जारी है।
🌧️ सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र
गोरखा, लमजुंग, पाल्पा और रोल्पा ज़िले इस आपदा से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं। कई गाँव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं। कुछ स्थानों पर भूस्खलन ने सड़कों को पूरी तरह जाम कर दिया है, जिससे राहत पहुंचाना मुश्किल हो रहा है।
🏚️ सैकड़ों परिवार बेघर
नेपाल की सरकार के अनुसार, अब तक 500 से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया है। टेंट और खाने-पीने की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन खराब मौसम के कारण राहत कार्यों में बाधाएं आ रही हैं।
🚁 राहत और बचाव कार्य तेज़
सेना, पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवी संगठन बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। हेलिकॉप्टर की मदद से कुछ दुर्गम इलाकों में फंसे लोगों को निकाला गया है। नेपाल सरकार ने आपात स्थिति की घोषणा कर दी है और अंतरराष्ट्रीय मदद की संभावना भी जताई है।
🌍 जलवायु परिवर्तन पर सवाल
विशेषज्ञों का मानना है कि लगातार बढ़ती बारिश और असमय भूस्खलन जलवायु परिवर्तन के गंभीर संकेत हैं। नेपाल एक पहाड़ी देश होने के कारण पहले से ही प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील है।
📢 नेपाल सरकार की अपील
नेपाल सरकार ने नागरिकों से अपील की है कि वे सुरक्षित स्थानों पर रहें और अफवाहों पर ध्यान न दें। साथ ही ज़रूरतमंदों की मदद के लिए सरकारी हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं।
🕊️ हम इस प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वाले सभी लोगों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।