भारत अब इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के आयात पर अपनी निर्भरता को कम करते हुए, देश के भीतर ही उच्च-तकनीकी वस्तुओं का निर्माण कर रहा है। यह
बदलाव न केवल iPhones, स्मार्ट टीवी और माइक्रोवेव ओवन तक सीमित है, बल्कि इसमें रोबोटिक वैक्यूम क्लीनर, कॉफी बनाने वाली मशीनें, बिल्ट-इन रेफ्रिजरेटर और एयर फ्रायर जैसे पहले आयात किए जाने वाले कई अन्य उत्पाद भी शामिल हैं।
सरकार के सक्रिय समर्थन और इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण के लिए प्रोत्साहन के कारण यह परिवर्तन संभव हुआ है। अब, इन उत्पादों का निर्माण करने वाली कंपनियों को भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) से अनिवार्य प्रमाणन प्राप्त करना होगा, जो गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को सुनिश्चित करेगा।
यह पहल ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने और चीन जैसे देशों पर निर्भरता कम करने में मदद करेगा। इस बदलाव से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
भारत अब केवल उपभोग करने वाला नहीं, बल्कि अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्माता भी बन रहा है, जिससे ‘ड्रैगन’ की दादागिरी को सीधी चुनौती मिल रही है।