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लाल सागर में लगातार हो रहे हौथी विद्रोहियों के हमलों से बचने के लिए अब अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक जहाज एक अनोखी रणनीति अपना रहे हैं। जहाजों ने अपने ऑटोमैटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (AIS) प्रोफाइल में यह बताना शुरू कर दिया है कि उनके चालक दल (क्रू) मुस्लिम हैं, और उनका इज़रायल से कोई संबंध नहीं है।

समुद्री ट्रैफिक निगरानी एजेंसियों और LSAGY के अनुसार, बीते सप्ताह सैकड़ों जहाजों ने AIS ट्रैकिंग में अपने प्रोफाइल के साथ संदेश जोड़ना शुरू कर दिया है। इनमें शामिल हैं:

“All Muslim Crew on Board”

“No Ties to Israel”

“Chinese Crew and Management”

“Armed Guards Onboard

इन घोषणाओं का उद्देश्य खुद को हौथी विद्रोहियों की संभावित सूची से बाहर रखना है, ताकि वे लाल सागर में सुरक्षित रह सकें।

हमले क्यों हो रहे हैं?

ईरान समर्थित हौथी संगठन ने स्पष्ट किया है कि यह हमले गाज़ा में फ़िलिस्तीनियों के समर्थन में किए जा रहे हैं। संगठन के प्रमुख अब्दुल मालिक अल-हौथी ने घोषणा की कि “जो भी कंपनी इज़रायल से जुड़ी होगी, उसे निशाना बनाया जाएगा और नष्ट कर दिया जाएगा।”

इसी डर के चलते कई जहाज कंपनियां खुलकर अपना मुस्लिम स्टाफ होने का दावा कर रही हैं और यह भी बता रही हैं कि उनका इज़रायल या अमेरिका से कोई संबंध नहीं है।

सुरक्षा बढ़ाई जा रही है

कई जहाजों ने अपने बोर्ड पर हथियारबंद गार्ड्स की तैनाती भी शुरू कर दी है। कंपनियों को चिंता है कि यदि हौथी विद्रोहियों को उन पर शक हुआ, तो उनका माल और स्टाफ दोनों खतरे में पड़ सकते हैं।

निष्कर्ष:

लाल सागर के हालात दिन-ब-दिन गंभीर होते जा रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि वर्तमान वैश्विक राजनीति का असर समुद्री व्यापार और सुरक्षा पर भी गहराई से पड़ रहा है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह “AIS डिक्लेरेशन” रणनीति जहाजों को सच में हौथी खतरे से बचा पाएगी या नहीं।

Sources:

MarineTraffic Reports

LSAGY Maritime Surveillance

लाइव हिंदुस्तान, 12 जुलाई 2025